Monday 31 July 2017

अब गहिरा रे बादर...

अब्बड़ होगे सिटिर सिटिर अब गहिरा रे बादर
जिहां जरूरत होथे तिहां तैं बरसस नहीं काबर
कतकों जगा सुक्खा परे हे दिखथे दुकलहा छापा
छोड़ वोती गैरी मताना इहां बरस जा थोरिक आगर

🐦सुशील भोले-9826992811

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