Sunday 6 October 2024

कोंदा भैरा के गोठ-25

कोंदा भैरा के गोठ-25
🌹
-हमन अपन-अपन धर्म ल लेके कुआँ के मेचका बरोबर होगे हावन जी भैरा.
   -अइसे का जी कोंदा.. तोला ए बात ह सिरतोन जनाथे‌ का? 
   -विवेकानंद मानव प्रकर्ष संस्थान म 'विश्व भातृत्व दिवस' के अवसर म आयोजित परिसंवाद म डॉ. सुभाष चंद्राकर ह अइसने काहत रिहिसे.
   -असल म का हे ना.. धर्म ह आज पर उपदेश कुशल बहुतेरे वाले गोठ बनके रहिगे हे.. मोला बता अपन धरम संस्कृति के प्रचार करना ह कहूँ कुआँ के मेचका हो जाना होथे, त इहू मन आज खुद कुआँ के मेचका बरोबर कारज करत हें नहीं? 
   -कइसे गढ़न के जी? 
   -ए मन रामकृष्ण परमहंस अउ विवेकानंद के छोड़े कोनो अउ आने देवता ल अपन मंदिर मन म ठउर देथें का? अरे ठउर देवई तो दुरिहा जाय, जेन विवेकानंद ल रायपुर के बूढ़ा तरिया म नहाय म बूढ़ादेव के आशीर्वाद ले पहिली बेर भाव समाधि मिले रिहिसे उही बूढ़ादेव के नॉव म स्थापित बूढ़ा तरिया के नॉव ल विवेकानंद के नॉव म धर दिन.. बूढ़ादेव के आशीष ल अनदेखा करत वोला एक कोन्टा म तिरिया दिन.. अब तहीं बता अइसन बात ल विश्व भातृत्व के श्रेणी के माने जाही या कुआँ के मेचका के?
   -जे मन बूढ़ादेव के महत्व नइ समझिन वो मन कुआँ के मेचका नहीं त अउ का आय?
🌹
-आज राजभाषा हिंदी दिवस के बेरा म मैं ए जानना चाहत हौं जी भैरा के तुंहर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ल एकर ले का फायदा होइस? 
   -हम अपन देश के संविधान के सम्मान करथन जी कोंदा, तेकर सेती हमर देश के राजभाषा हिंदी के घलो सम्मान करथन, तभो ए करू अनुभव ल घलो कहे बर नइ घेपन, के हमर संग हिंदी के नॉव म अन्याय जादा होय हे.
    - तुंहला अइसे काबर जनाथे संगी? 
   -अब देख- छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी मातृभाषा बोलइया मन के संख्या 66 प्रतिशत हे, अउ हिंदी मातृभाषा वाले मन के संख्या मात्र 5 प्रतिशत, तभो ले षड्यंत्र पूर्वक हमर ए राज ल हिंदी भाषी घोषित कर दिए गिस.. एकर दुष्परिणाम ए होइस के हमला हिंदी के नॉव म आने हिंदी भाषी राज मन के इतिहास, संस्कृति अउ गौरव मनला बरपेली पढ़ाए गिस, हमर ऊपर लादे गिस.. अउ हमर छत्तीसगढ़ के असली संस्कृति, इतिहास अउ गौरव ल हमर ले दुरिहा राखे खातिर तोपे अउ लुकाए गिस.. एकर दुखद परिणाम ए होइस के हम अपन गौरव ल भुला के आने मन के गौरव अउ संस्कृति ल मुड़ म लादे किंजरे लागेन.. उंकर गुलामी भोगे बरोबर उंकर पिछलग्गू बनत गेन.. परिणाम तुंहर आगू म हे.. बाहिर के लोगन इहाँ अगुवा बनत गिन अउ हम उंकर बनिहार.
🌹
-अभी केंद्र सरकार ह पाकिस्तान, बंगलादेश अउ अफगानिस्तान ले बछर 2014 के पहिली ले आए हिंदू, सिख, पारसी अउ जैन ईसाई जइसन धरम के मनइया लोगन ल हमर देश के नागरिकता दे के नियम (सीएए) चालू करे हवय न जी भैरा.. एमा हमर छत्तीसगढ़ ले घलो 100 झन अइसने लोगन मन आवेदन करे हावंय.
   -अच्छा जी कोंदा.. मतलब हमर छत्तीसगढ़ म घलो आने देश ले आए लोगन अभी तक बिना नागरिकता के राहत हावंय कहिदे.
   -हव जी ए तो आवेदन करे हें ते मन यें.. लुकाचोरी तो अउ कतकों होहीं... अब सरकार के नवा नियम म जरूरी कागजात मनला देखा के ए मन इहाँ के नागरिक बन जाही.
   -2014 ले पहिली माने 10 बछर ले आगर बेरा ले इहाँ राहत लोगन मन हमर छत्तीसगढ़ के भाखा संस्कृति ल आत्मसात करे पाइन होहीं के नहीं जी? अउ कहूँ दस बछर म घलो ए मन इहाँ के भाखा संस्कृति ल आत्मसात नइ करे होहीं त फेर इनला इहाँ के नागरिकता काबर दिए जाना चाही? 
‌    -तोरो कहना ह वाजिब जनाथे संगी.. सरकार के ए मनला जेन नागरिकता दे के नियम हे, तेमा इहू बात ल जोड़ना चाही, के अभी तक अइसन लोगन जिहां राहत हें, उहाँ के भाखा संस्कृति ल अपन मान के वोला आत्मसात करत हें के नहीं?
🌹
-विज्ञान अउ शिक्षा के नॉव म हर किसम के देशी परंपरा अउ ठुआॅं टोटका ल अंधविश्वास कहि देना ह कभू कभू मोला अलकर जनाथे जी भैरा.
   -अलकर लागे के लाइक बातेच ए जी कोंदा.. महूं कई पइत अटकरे हौं.. अब हमर डोकरी दाई के ही बात ले ले वोला उल्टा जनमे हे कहिके कतकों झन जुन्ना सियान मन वोकर जगा कनिहा पीठ के पीरा म बड़े बिहन्चे ले लात म मरवाए बर आवय अउ सिरतोन काहत हौं संगी.. वो मन डोकरी दाई के पॉंच या सात पइत हुलू-हुलू लात मारे म ही बने हो जावत रिहिन हें. कतकों झनला हॅंसिया ल गोरसी म मार लाल-लाल तीपो के अॉंक घलो देवय.
   -हहो.. एदे अइसने अभी दमोह ले खबर आय हे- उहाँ के लोगन कुकुर बिलई मन के गंदगी करे ले हलाकान होगे रिहिन हें, त फेर एक सियान के सुझाय म पॉंव म लगाय के माहुर ल बने लाली असन घोर के शीशी बाटल मन म भर के घर के बाहिर म टॉंगे लागिन. बताथें के अइसन करे ले कुकुर मन अब वोती गंदगी नइ करंय.
🌹
-लोगन के आस्था अउ वोला माने-जाने के परंपरा घलो अद्भुत हे जी भैरा.
   -हाँ ए बात तो हे जी कोंदा.. सबके अपन परंपरा अउ आस्था हे.
   -अभी मोर एक संगी के बबा मरगे त वोकर तीज नाहवन के रतिहा वोला जेन कुरिया म राखे रिहिन हें, उहें चॉंउर पिसान के कुढ़ा मढ़ा के वो मेर कलशा मढ़ा के जोत बारिन अउ वोकर खाए बर दू अलग चुकिया म उरिद के बरा, अइरसा अउ चाय पानी घलो मढ़ाए रिहिन.
   -हाँ इहाँ के बहुत अकन समाज म अइसन करथें.. कोनो चॉंउर पिसान के कुढ़ेना मढ़ाथें, त कोनो पिसान ल छींच के वोला झेंझरी/टुकनी म तोप देथें, तहाँ ले बिहनिया देखथें के वो चॉंउर पिसान म का जिनिस के चिनहा बने हे.
   -हव जी एकर माध्यम ले वो देंह छोड़े मनखे ह अगला जनम म कहाँ अवतरही, का जोनी पाही तेकर गम कराथे कहिथें. वोकर मुक्ति पाए म कोनो चिनहा नइ बनय बताथें.
   -कतकों झन मरिया हरिया म अइसन कुढ़ा मढ़ाए के नेंग तो करबेच करथें.. अपन घर के देवी-देवता या कुल देवता मन जागृत हावय ते नहीं, तेनो ल परखे खातिर अइसन कुढ़ेना मढ़ाथें.
🌹
-आजकाल कोनो नानमुन काम-बुता ल सिध पार डारथें तहाँ ले लोगन फूल के फुग्गा बरोबर हो जाथें जी भैरा.
   -हाँ ए बात देखे म आजकाल तो बनेच आवत हे जी कोंदा, फेर इहू देखे म आथे के कोनो काँटा-खूँटी म पाँव पर जाथे त ए अइसन फोकटइहा फूले मन मार सोक-सोक ले ओसक घलो जाथें.
   -ठउका कहे संगी.. कोनो काम-बुता या पद-पाॅवर के अहंकार म नइ फुदकना चाही, एला तो परमात्मा के कृपा मानना चाही के उन हमला अइसन बुता खातिर चिनहिन अउ वो बुता ल सिध घलो पारिन.
   -सिरतोन कहे जी.. परमात्मा तो जे मनखे जगा जइसन बुता करवाना चाहथे, करवाइच लेथे, हम न तो एकर ले कोनो महान हो जावन अउ न खास.. हम होथन त सिरिफ उँकर दास.
🌹
-दुनिया के सबले लम्हरी भाँटा हमर छत्तीसगढ़ म पाए जाथे जी भैरा.
   -अइसे का जी कोंदा? 
   -हव.. धमतरी जिला के गाँव धुमा (कुरूद) के किसान लीलाराम साहू ह पुरखौती बेरा ले एकर खेती करत हे.. लीलाराम ह बताइस के वोकर सियान निरंजन साहू ह पारंपरिक देशी तरीका ले ए 'निरंजन भाँटा' के खेती करय, उही परंपरा ले अब तक एकर खेती होवत हे. ए भाँटा ह 2.5 फीट तक लंबा हो जाथे.. अउ एमा बीजा घलो जादा नइ राहय.. गुरतुर स्वाद वाले ए निरंजन भाँटा, जेकर नॉव ल वोकर सियान के नॉव म ही रखे गे हवय अभी पौध किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार के अंतर्गत पेटेंट होए‌ हे.
   -वाह भई..! 
   -कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारी मन एला महत्वपूर्ण उपलब्धि बतावत छत्तीसगढ़ खातिर गौरव के बात कहे हे.. अवइया बेरा म छत्तीसगढ़ के किसान मनला एकर ले जबर लाभ होही.
🌹
-अब तो मंदिर देवाला मन म नवरात के जोत जलाए बर ताँबा के नाँदी बउरे ले धर लिए हें जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. हमरो गाँव के शीतला अउ महामाया दूनों च जगा बर ए बछर ताँबा के नाँदी बिसा के लाने हें काहत रिहिन हें.
   -फेर ए ह मोला वाजिब नइ जनावय संगी.. माटी के नाँदी ल हमर पुरखा म जादा शुद्ध अउ पवित्र मानंँय.
   -माटी ले बढ़के तो अउ कोनो ह होइच नइ सकय, फेर आजकाल माटी के नाँदी अउ कलश बनाए बर कुम्हार मन ढेरियाए असन करे लगे हें.. बने असन माटी मिले ले नइ धरय कहिथें, तेकर सेती ताँबा के नाँदी बउरत हें, फेर ताँबा के नाँदी ल बने धो-माँज के कतकों बछर ले बउरे घलो तो जा सकथे जी.
   -इहीच ह तो अनफभिक हे संगी.. जोत के विसर्जन ल पूरा नाँदी समेत करे के चलन हे हमर इहाँ, फेर ताँबा के नाँदी ल अइसन कहाँ करे जाथे.. अउ जब ताँबा के नाँदी ल जोत संग सरोए नइ जाय त फेर वोकर विसर्जन ल परंपरा के मुताबिक पूरा कइसे माने जाही?
🌹
-वाराणसी के मंदिर मन ले साईं बाबा के मूर्ति मनला हटाए के सेती महाराष्ट्र म भारी निंदा अउ विरोध होवत हे जी भैरा.
   -होना च हे जी भैरा.. भई कोनो भी संत महात्मा ह जाति धरम अउ पंथ ले ऊपर होथे.. एकर मन खातिर हर किसम के संकीर्णता ले ऊपर उठ के सोचना चाही.
   -हव जी महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ह घलो अइसने कहे हे, वोकर कहना हे- साईं बाबा श्रद्धेय हें, कोनो ल भी वोकर अपमान करे के अधिकार नइए, उंकर मूर्ति ल हटा के उंकर अपमान करे के बुता ल तुरते रोकना चाही. कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ह घलो भाजपा प्रमुख के बात ल पँदोली दे हवय.
   -अच्छा.. माने भाजपा अउ कांग्रेस दूनों ह ए मामला म एक होगे हे.. चलव बनेच हे अइसन होना घलो चाही.
🌹
-छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस म इहाँ के विभिन्न क्षेत्र के प्रतिभा मनला राज्य अलंकरण ले सम्मानित करे खातिर विज्ञापन निकलगे हे जी भैरा.. तहूं ल एकर खातिर आवेदन देना चाही.
   -राज्य अलंकरण खातिर जब कभू आवेदन मँगवाए जाथे, त मोला संगीतकार स्व. खुमान साव जी के वो बात के सुरता आथे जी कोंदा जब उन काहयँ- अरे कोनो स्वाभिमानी कलाकार या साहित्यकार ह मोला सम्मानित कर दे कहिके आवेदन करही का जी? मैं तो अइसन कभू नइ करेंव.
   -उंकर कहना महूं ल वाजिब जनाथे संगी.. सरकार ल ए डहार चेत करना चाही.
   -बिल्कुल चेत करना चाही.. सोज्झे कलाकार, साहित्यकार या आने विधा के लोगन ले आवेदन मँगवाए के बलदा संबंधित विभाग मन म पंजीकृत संस्था मन ले सुझाव मँगवाना चाही, के उंकर विचार म कोन मनखे ल राज्य अलंकरण ले सम्मानित करे जाना चाही? 
   -हव जी.. सबो संस्था मन ले मिले सुझाव ल फेर चयन समिति के आगू म मढ़ा के वोमा ले वरिष्ठता, योग्यता अउ वोकर द्वारा करे गे काम के आधार म राज्य अलंकरण खातिर योग्य पात्र के चयन करे जाना चाही.
🌹
-अब तो सोशलमीडिया म देवी देवता अउ गुरु महात्मा मन के फोटो ल पोस्ट करई ह पाप करे बरोबर जनाय लगे हे जी भैरा.
   -कइसे अंते-तंते गोठियाथस जी कोंदा.. कहूँ देवता-धामी मन के सोर-संदेशा भेजई ह पाप हो सकथे.
   -एदे अभी हमर रायपुर के श्री जैन दादाबाड़ी म सोशलमीडिया संस्कृति ल लेके श्री विराग मुनि जी ह अपन प्रवचन म कहिन हें- हम रोज संझा बिहनिया मोबाइल म भगवान के अपन गुरु के फोटो भेजत रहिथन.. अब कोनो वो फोटो मनला जिनगी भर तो सहेज के राखय नहीं.. डिलीट करीच देथे, जेन ह रिसाइकल बिन म चल देथे.. एकर मतलब ए होइस के हमन सोज्झेच परमात्मा अउ अपन गुरु महात्मा मनला कचरा के घुरुवा म फटिक देथन.. न जाने अइसन कतकों पाप हम जाने अनजाने कर डारथन.
   -अरे ददा रे.. अतेक गहिर गोठ ल तो मैं कभू सोचेच नइ रेहेंव.. का सिरतोन म अइसन करई ह पाप करम म गिने जाही जी?
🌹

No comments:

Post a Comment