Saturday 29 December 2018

संस्कृति और सम्मान......

संस्कृति और सम्मान......
हमारी संस्कृति दुनिया की हर संस्कृति और  सभ्यता का  सम्मान करना सिखाती है, इसीलिए "वसुधैव कुटुम्बकम" के माध्यम से पूरे विश्व को अपना परिवार मानने की शिक्षा दी जाती है। इसके इतर, जो लोग अन्य संस्कृति, परंपरा या सभ्यता का सम्मान करने के बजाय उसके विपरित विष वमन करते हैं, ऐसे लोग कदापि धर्म के जानकार या रक्षक नहीं हो सकते। ऐसे लोगों को मूर्ख और उससे भी बढकर धूर्त कहा जाना उचित होगा। साथ ही यह भी उचित होगा कि ऐसे लोगों की बातों की उपेक्षा की जाए, उन्हें अमान्य किया जाए।
-सुशील भोले
अध्यक्ष, आदि धर्म जागृति संस्थान
संजय नगर, रायपुर
मो नं 9826992811

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