Sunday 21 April 2019

बड़े जतन म बनथे अपन घर...

बड़े जतन म बनथे संगी अपन घर
सुग्घर निरमल छइयां होथे अपन बर
दूसर के कतकों महल हो फेर होथे दूसर
स्वाभिमान इहें जागथे होथे गुजर बसर
-सुशील भोले 9826992811

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