Monday, 22 March 2021

छत्तीसगढ़ राजगीत..

छत्तीसगढ़: सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए राज्य गीत "अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार" की अवधि एक मिनट 15 सेकंड होगी
By: Ashutosh Kumar

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Published: 04 Feb 2020, 07:50 PM IST

छत्तीसगढ़़ी गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार' को राज्य गीत घोषित किया गया है

रायपुर. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत सार्वजनिक कार्यक्रमों में गायन हेतु राज्य गीत "अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार" का मानकीकरण करते हुए इसकी अवधि एक मिनट 15 सेकंड कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में अध्यक्ष राजस्व मंडल छत्तीसगढ़ बिलासपुर, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देश जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़़ी गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार' को राज्य गीत घोषित किया गया है। राज्य गीत का गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में किए जाने का निर्देश भी जारी किया गया था।
मंत्री परिषद में लिए निर्णय के अनुसार सार्वजनिक कार्यक्रमों में गायन हेतु राज्य गीत का मानकीकरण किया गया है, जो जनसम्पर्क Www.Dprcg.Gov.In एवं सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट Http://Gad.Cg.Gov.In/Notice_display.Aspx में अपलोड किया गया है।

मानकीकरण के पश्चात गाए जाने वाला राज्य गीत

''अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँया।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया।।
(महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)

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