Monday 27 February 2023

कपिलनाथ कश्यप के काव्य रस म परिपाक

6 मार्च जयंती विशेष//
महाकवि कपिलनाथ कश्यप के काव्य म रस परिपाक
      
                     - सुशील भोले
                             
       डाॅ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा ह छत्तीसगढ़ी काव्य साहित्य के विवेचना करत लिखे हें- कपिलनाथ कश्यप छत्तीसगढ़ी साहित्य के प्रथम महाकवि हें। ओमन महाकाव्य, खंडकाव्य, मुक्तक काव्य के संगे-संग गद्य साहित्य म कहिनी, निबंध, एकांकी, आत्मकथा आदि लिख के छत्तीसगढ़ी साहित्य ला गजब ऊँचहा ठउर दिए हें। पं. मुकुटधर पाण्डेय जी कहंय- उनकर भाषा मंजे हुये, मुहावरेदार अउ प्रवाहयुक्त हे। त्रिभंगी छंद के छत्तीसगढ़ी म पहली बार प्रयोग देखे ला मिलिस।
      महाकवि कपिलनाथ कश्यप के जनम 06 मार्च 1906 के पौना गाँव म होइस अउ 02 मार्च 1985 के दिन छत्तीसगढ़ के भागीरथी कवि पंचतत्व म विलीन हो गइन।   वोमन तीन महाकाव्य- श्री राम कथा, श्री कृष्ण कथा, अउ श्री महाभारत के सृजन कर के छत्तीसगढ़ी साहित्य म अमर हो गइन।
        महाकवि कपिलनाथ कश्यप जी के काव्य प्रायः छंदबद्ध हे। ओमा रस अउ अलंकार के प्रयोग भाषा-भाव के अनुरूप लोकोक्ति अउ मुहावरा ला समाए हुए हे।

  # करूण रस के एक उदाहरण श्री कृष्ण कथा ले-

मांगिस जब लइका बहिनी सो,
रोये लगिस धर के गोड़।
कोख पोंछनी आये हे ये,
एला अब तो भइया छोड़।
कोख पोंछनी अपन-
बतावत हस तैं जेला।
मोर काल ह आये हे,
देखव तो एला।
अइसन कहिके कंस-
तुरत लइका ला झटकिस।
हाथ उठा उपर ले,
पथरा उपर पटकिस।

# वीर रस के उदाहरण-

अबला नहीं नारी कतका,
सबला होथे ये दिख जाही।
झूठा बंधना टोर-टार के,
नारी मन बाहिर आहीं।

# रौद्र रस के उदाहरण-

केस धरिस देवकी बहिनी के,
गुस्सा भरके एक हाथ म।
कूदिस रथ ले थरथरावत ओ,
धरे हाथ तरवार दूसर मा।

# वीभत्स रस के उदाहरण-

भुजा कटे ले लहु धार के,
राजन! पिचका फूटिस कइसे!
होरी मा भर रंग पिचक्का,
जुर-जुर लइकन मारय जइसे!

# अद्भूत रस के उदाहरण-

माटी खावत देख एक दिन,
जसुदा साँटी धर के आइन।
नइ खाँयें कहके मुँह फारिन,
भीतर अद्भूत दृष्य देखाइन।
जसुदा देख कृष्ण के मुँह मा,
चंदा सुरूज चंदैनी कतको।
बन पहार घर महल हबेली,
सागर नदिया नरवा जतको।

# भक्ति रस के उदाहरण-

तोर चरन मा ग्यानी पंडित,
अरपन करिन महमई फूल।
अड़हा ' नाथ ' चढ़ाये मोहन,
अहिलाये ये बासी फूल।

      महाकवि कपिलनाथ कश्यप के जयंती दिवस म 1997 ले हर बछर एक साहित्यिक आयोजन बिलासपुर म करे जाथे, जेमा गुनिक साहित्यकार मन ला ' महाकवि कपिलनाथ कश्यप विभूति अलंकरण ' अउ ' महाकवि कपिलनाथ कश्यप साहित्य सम्मान ' दिए जाथे। बछर 1997 ले अब तक  27 विभूति मन ला ' विभूति अलंकरण ' दिये गे हे, ओमा चंदैनी गोंदा के सर्जक दाऊ रामचंद्र देशमुख, पूर्व कुलपति डाॅ. रामलाल कश्यप, महंत रामसुंदर दास, डाॅ. पालेश्वर शर्मा, पद्म श्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी, स्वामी कृष्णा रंजन, नारायण लाल परमार, पवन दीवान, डाॅ. संतराम देशमुख, डाॅ. कोमलसिंह सार्वा, डाॅ. संजीव बख्शी, पद्मश्री डाॅ. सुरेन्द्र दुबे, पं दानेश्वर शर्मा, पद्म श्री डाॅ. ममता चंद्राकर, उपन्यासकार डाॅ. परदेशी राम वर्मा, व्याकरणविद् डाॅ. विनोद कुमार वर्मा शामिल हें।
   ये बछर 2023 म डाॅ. रवि प्रकाश दुबे, कुलपति रमन विश्वविद्यालय ला ' विभूति अलंकरण ' दिए जाही, अउ छत्तीसगढ़ी के दू गुनिक साहित्यकार ला ' महाकवि कपिलनाथ कश्यप साहित्य सम्मान ' दिए जाही, ओमा छत्तीसगढ़ी के चर्चित कवयित्री वसन्ती वर्मा अउ डाॅ. विवेक तिवारी शामिल हें।

            # वसन्ती वर्मा

       पं. श्याम लाल चतुर्वेदी के परंपरा के पोषक चर्चित कवयित्री वसन्ती वर्मा के काव्य म रस, छंद अलंकार के अति सुग्घर उदाहरण मिलथे। वसन्ती वर्मा के गीत ' बेटी इस्कूल जाही ' अउ प्रलंब काव्य ' बस्तर ' के चर्चा पी-एच. डी. के दू अलग-अलग शोधप्रबंध म विस्तार ले किये गे हे। उनकर काव्य संग्रह ' मोर अँगना के फूल ' ला विमर्श के साथ प्रकाशित छत्तीसगढ़ी काव्य साहित्य के प्रथम कृति माने गे हे जबकि विधिक साक्षरता अभियान म शामिल छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़ी  के प्रथम कवयित्री हें।  उनकर काव्य संग्रह ' मितानीन ' के प्रकाशन विधिक साक्षरता अउ महिला सशक्तीकरण अभियान के अन्तर्गत प्रकाशित कर ओकर हजारों कापी निःशुल्क वितरित किये जा चुके हे। वसन्ती वर्मा के अब तक तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हे अउ तीनों चर्चित हे। अभी हाले म 26 फरवरी 2023 के छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर के प्रांतीय  सम्मेलन म वसन्ती वर्मा ला डाॅ. निरूपमा शर्मा स्मृति साहित्य सम्मान प्रदान किये गइस हे।

           # विवेक तिवारी

    ' छत्तीसगढ़ी राजभाषा के क्रियान्वयन' विषय म  अति महत्वपूर्ण शोध कार्य के बाद डाॅ. सी व्ही रमन विश्वविद्यालय ले पी-एच. डी. डिग्री प्राप्त करिन। छत्तीसगढ़ी के आठवीं अनुसूची म शामिल करे के कोशिश म ये शोध कार्य प्रकाश स्तंभ के काम करिही।

  - सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा.98269 92811

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