Friday 6 September 2019

अपन देवता के पांव कब परबो...?

अपन देवता के कब पांव परबो..?
      संत कवि पवन दीवान जी जब वरिष्ठ साहित्यकार  डॉ. परदेशी राम जी वर्मा के संग  मिल के 'माता कौशल्या गौरव अभियान' के मैदानी अभियान चालू करिन, त एक बात हर मंच म कहंय- "बंगाल के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, उत्तर प्रदेश बिहार के मन अपन देवी-देवता ल धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, गुजरात अउ  पंजाब के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन। ओडिशा अउ आंध्र के मन अपन देवता धर के आइन हम उंकरो पांव परेन. बस चारों मुड़ा के देवी-देवता मन के पांव परइ चलत हे। त मैं पूछथंव- अरे ददा हो, बस हम दूसरेच मन के देवी-देवता मन के पांव परत रहिबोन, त अपन देवी-देवता मन के पांव कब परबोन? एदे देख लेवौ उंकर मनके देवता के पांव परई म हमर माथा खियागे हे, अउ ए परदेशिया मन एकरे नांव म इहाँ के जम्मो शासन-प्रशासन म छागे हें."
     ए बात ह सोला आना सिरतोन आय अउ वोकर ले जादा अब एकर खातिर मैदानी रूप म भीड़े के हे. का हमूं मन अपन इहाँ के मूल देवी-देवता मन के पूजा के प्रचार-प्रसार ल दुनिया भर नइ बगराइन, तेमा दुनिया के लोगन, हमर इहाँ के पारंपरिक देवी-देवता, हमर पूजा विधि, हमर जीवन पद्धति ल जानंय अउ अपनावंय?
    "आदि धर्म जागृति संस्थान" के नांव ले हमन ये जे उदिम चलाए के जोखा मढ़ाए हावन, अउ अपन सख भर जनजागरण के बुता करत रहिथन, तेने ह असल म अपन मूल देवी-देवता मन के पांव परे के उदिम आय। त आवव, आप सब जम्मो झन मिल के हमर अपन इहाँ के  पारंपरिक देवी-देवता के, हमर अपन जुन्ना पूजा अउ उपासना विधि ले पांव परन, उंकर अलख जगावन, हमर अपन भाखा- संस्कृति के, हमर इतिहास अउ गौरव के, हमर सम्पूर्ण अस्मिता के सोर ल पूरा दुनिया म बगरावन।
जोहार....
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811

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