Tuesday 17 September 2019

मूल संस्कृति और....

मूल संस्कृति और......
जहां का अन्न-जल खाकर तुम जी रहे हो, यदि वहां की भाषा, वहां की मूल संस्कृति, वहाँ की उपासना और जीवन पद्धति से, वहां के लोगों से तुम प्यार नहीं करते, तो तुमसे बड़ा नमक हराम और कोई नहीं हो सकता।
* सुशील भोले
आदि धर्म जागृति संस्थान रायपुर
मो. 9826992811

No comments:

Post a Comment