रायपुर से बिलासपुर रेल मार्ग पर बैकुंठ स्टेशन से उतरकर जाना होता है ग्राम मढ़ी, जहां पर माँ बंजारी अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं।
आज से करीब बीस वर्ष पहले मैं वहां जब गया था, तब वह एक निर्जन स्थल के ही समान था। माता जी एक नीम वृक्ष के नीचे विराजित थीं, और आसपास कुछ भी नहीं था। लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर सुश्री जागृति बघमार जी के साथ वहां पुनः जाना हुआ तो वहां का रौनक देखकर सुखमय आश्चर्य हुआ।
अब यह स्थल एक पूर्ण तीर्थ और पर्यटन स्थल का रूप धारण कर चुका है, जहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। वहां बहुत सारे मंदिर और बाग-बगीचे बन गये हैं, जिन्हें देखकर मन आनंदित हुए बिना नहीं रहता।
वैसे तो छत्तीसगढ़ में बहुत सारे प्राचीन और एेतिहासिक मंदिर हैं, जिन्हें देखने का अपना ही आनंद है, लेकिन वर्तमान जो नये देव स्थल बन रहे हैं, वे भी दर्शनीय और प्रशंसनीय हैं, जिन्हें समय निकालकर अवश्य देखा जाना चाहिए।
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माँ बंजारी धाम का गर्भगृह.. |
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गर्भगृह में जागृति बघमार जी के साथ मैंं सुशील भोले |
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विशाल शिव प्रतिमा के समक्ष |
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ब्रम्हलोक का एक दृश्य |
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छत्तीसग़ढ़ महतारी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा |
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माँ बंजारी |
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