Monday 3 October 2016

अब थिरा रे बादर....













अब्बड़ होगे सिटिर-सिटिर, अब थिरा रे बादर
जिहां जरूरत होथे तिहां, तैं बरसस नहीं काबर
कतकों जगा सुक्खा परे हे दिखथे दुकाल के छापा
छोंड़ इहां गैरी मताना उहां बरस जा थोिरक आगर

* सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 98269 92811, 80853 05931

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