Monday 31 August 2015

कमरछठ : कार्तिकेय जन्मोत्सव...

  भाद्रपद कृष्ण पक्ष छठ को समूचे छत्तीसगढ़ में कमरछठ के रूप में मनाया जाने वाला पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठपुत्र कार्तिकेय के जन्मोत्सव का पर्व है।

कमर छठ संस्कृत भाषा के कुमार षष्ठ का छत्तीसगढ़ी अपभ्रंश है। आप लोगों को तो ज्ञात ही होगा कि समूचे देवमंडल में केवल कार्तिकेय को ही कुमार कहा जाता है। इसीलिए यहां इस दिन माताएं सगरी बनाकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और उनके पुत्र (कार्तिकेय) के समान श्रेष्ठ पुत्र (संतान) की कामना करती हैं।  वे इस दिन दिन फलाहार के रूप में एेसे भोजन और साग-सब्जी का इस्तेमाल करती हैं, जिसे हल आदि के द्वारा न बोया गया हो, अर्थात् वह प्राकृतिक रूप से उत्पन्न वस्तुओं को ही ग्रहण करती हैं। जिसमें पसहर चावल आदि शामिल होते हैं।

 छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति, जिसे मैं आदि धर्म कहता हूं वह सृष्टिकाल, युग निर्धारण की दृष्टि से कहें तो सतयुग की संस्कृति है।

यहां की संपूर्ण संस्कृति को उसके मूल रूप में लिखने और लोगों को समझाने के लिए हमें फिर से प्रयास करने की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग यहां के मूल धर्म और संस्कृति को अन्य प्रदेशों से लाये गये ग्रंथों और संस्कृति के साथ घालमेल कर लिखने और हमारी मूल पहचान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

सुशील भोले
54 / 191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
 मोबा. नं. 098269 92811, 080853 05931

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