Friday 11 June 2021

संस्कृति संवाहक सुशील भोले..

*छत्तीसगढ़ के मूल संस्कृति के संवाहक सुशील भोले*

दोहा छंद:

आदि धर्म  संस्थान के, हवै  प्रणेता आज।
साहित सेवा जागरण,सुग्घर करथे काज।।

नाम सुशील कुमार हे,लेखक बड़ विख्यात।
रामचंद्र  शिक्षक  पिता, हवै उर्मिला मात।।

सन् इकसठ उन्नीस सौ,जन्म जुलाई मास।
सुग्घर शुभ तारीख दू,आइस ले के आस।।

नगरगाँव  पुरखा  रथे, धरसीवां के पास।
वर्तमान संजय नगर,टिकरापारा खास।।

डॉक्टर गली बघेल जी,जिला-रायपुर जान।
राज  हवै  छत्तीसगढ़, कथे  कटोरा धान।।

हवै  बसंती  श्रीमती, पत्नी बड़ गुणवान।
ममता - नेहा - वंदना, बेटी  मोर  परान।।

सबो विवाहित घर बसे,बेटा कस दामाद।
पक्का सब कर्तव्य के,घर कुरिया आबाद।।

शिक्षा :-

श्री भोले जी हा हायर सेकेन्ड्री पास करिन अउ संग मा आई.टी.आई. डिप्लोमा घलो प्राप्त करिन हे।

इँखर प्रकाशित किताब-
1. छितका कुरिया (काव्य  संकलन) 
2. दरस के साध (लम्बा कविता)
3. जिनगी के रंग (गीत अउ भजन संकलन)
4. ढेंकी (कहानी संकलन)
5. आखर अंजोर (छत्तीसगढ़ के मूल संस्कृति उपर आधारित लेख मन के संकलन)
6. भोले के गोले (व्यंग्य संकलन)
7. सब ओखरे संतान (चारगोडि़या मन के संकलन)
8. सुरता के बादर (संस्मरण मन के संकलन)

समाचार अउ पत्रिका लेखन -
1. तरकश अउ तीर (दैनिक नवभास्कर सन-1990)
2. आखर अँजोर (दैनिक तरूण छत्ती‍सगढ़ 2006-07)
3. डहर चलती (दैनिक अमृत संदेश- 2009)
4. गुड़ी के गोठ (साप्ताहिक इतवारी अखबार 2010 से 2015)
5. बेंदरा बिनास (साप्ताहिक छत्तीसगढ़ सेवक 1988-89)
6. किस्सा कलयुगी हनुमान के (मासिक मयारू माटी 1988-89)

अउ अन्य लेखन -
1.देश अउ प्रदेश स्तर के कतको पत्र-पत्रिका मा लेख, कविता, कहानी, समीक्षा, साक्षात्कार आदि मन के सरलग रूप ले प्रकाशन।
2. ‘लहर’ एवं ‘फूलबगिया’ ऑडियो कैसेट मा गीत लेखन एवं गायन घलो करिन।
3. कतको सांस्कृतिक मंच द्वारा गीत अउ भजन गायन करिन।

सम्मान मिलिस-
1. छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के द्वारा सन् 2010 मा ‘भाषा सम्मान’ सहित कतको साहित्यिक, सांस्कृतिक अउ सामाजिक संगठन मन के द्वारा सम्मान मिलिस।

संपादन अउ प्रकाशन-
1. मयारु माटी (छत्तीसगढ़ी भाषा के पहिली संपूर्ण मासिक पत्रिका)

सह संपादन-
1. दैनिक अग्रदूत
2. दैनिक तरूण छत्तीगढ़
3. दैनिक अमृत संदेश
4. दैनिक छत्तीसगढ़ ‘इतवारी अखवार’
5. जय छत्तीसगढ़ अस्मिता (मासिक)
6. कतको साहित्यिक अउ सामाजिक पत्र-पत्रिका मा संपादन।

खास बात-
1. छत्तीसगढ़ के मूल आदि धर्म अउ संस्कृति खातिर विशेष रूप ले लेखन, वाचन, प्रकाशन अउ जमीनी स्तर मा पुनर्स्थापना खातिर कार्यरत। एखर बर सन 1994 ले 2008 तक (लगभग 14 बछर) साहित्य, संस्कृति कला अउ गृहस्थ जीवन से अलग रहिके विशेष आध्यात्मिक साधना  ले आत्मज्ञान प्राप्त करिस।

2. गुजरात के राजधानी अहमदाबाद मा 8 अक्टूबर 2017 के भारत सरकार के साहित्य अकादमी डहर ले गुजराती अउ छत्तीसगढ़ी साहित्य के आयोजन करे गे रहिस जेमा श्री भोले जी घलो प्रतिभागी के रूप मा कवितापाठ करिस हे। छत्तीसगढ़ी के अउ प्रतिभागी मा डॉ. केशरीलाल वर्मा, डॉ. परदेशी राम वर्मा, रामनाथ साहू अउ मीर अली मीर जी मन घलो प्रतिभागी बनिस।

वर्तमान मा-
24 अक्टबूर 2018 से लकवा रोग मा पीडि़त होय के कारण श्री भोले जी हा घर मा ही रहिके साहित्य साधना करत हवै।

प्रेरणा मिलिस-
पिताजी स्व. श्री रामचंद्र वर्मा,जेखर द्वारा लिखित प्राथमिक हिन्दी  व्याकरण अउ रचना (प्रकाशक- अनुपम प्रकाशन, रायपुर) सँघरा मध्यप्रदेश के बखत कक्षा तीसरी, चौथी अउ पाँचवीं मा पाठ्य पुस्तक के रूप मा चलत रिहिस, एखर ले प्रेरित होके लेखन के क्षेत्र मा श्री भोले जी आगू आइस

भोले जी के मन पसंद लेखक- 
अध्यात्म मा – कबीर दास जी
अंतर्राष्ट्रीय मा – गोर्की
राष्ट्रीय मा – मुंशी प्रेमचंद
स्थानीय मा – लोक जीवन अउ जन चेतना ले जुड़े प्राय: जम्मों लेखक अउ कवि।

श्री भोले जी के इच्छा-

छत्तीसगढ़ के मूल आदि धर्म अउ संस्कृति के मापदंड मा इहाँ के सांस्कृतिक-इतिहास के पुर्नलेखन होना चाही। काबर कि अभी तक इहाँ के बारे मा जउन भी लिखे गे हे, या लिखे जावत हे, वो उत्तर भारत ले आए ग्रंथ मन के मापदंड मा लिखे जावत हे। एखर सेती ये किसम के कोनो भी ग्रंथ ला छत्तीसगढ़ के धर्म, संस्कृति अउ इतिहास के संदर्भ मा मानक नइ माने जा सकय। एखर सेती आवश्यक हे कि छत्तीसगढ़ के संस्कृति ला, धर्म या इतिहास के संदर्भ मा लिखे जाना चाही।

पारिवारिक स्थिति-

श्री भोले जी के पिताजी स्व. श्री रामचंद्र वर्मा प्राथमिक शाला मा शिक्षक रिहिस हे, एखर सेती निम्न-मध्यम वर्गीय परिवेश मा पालन-पोषण होइस। अभी घलो आर्थिक रूप ले लगभग इही स्थिति हवै। एखर पहिली सन् 1994 ले 2008 तक के आध्यात्मिक साधना काल मा सबो प्रकार के आर्थोपार्जन के कारज ले अलग रहे के कारन बहुत ही गरीबी के सामना करे बर परिस, जेखर असर लइका मन  के भरण-पोषण ऊपर घलो परिस।श्री भोले जी के पिताजी के पास मा पुरखा गाँव नगरगाँव मा पुरखा के संपत्ति के रूप मा एक कच्चा मकान, खलिहान अउ लगभग दू एकड़ खेत रिहिस। फेर इँखर चार भाई के बीच बँटवारा के बाद अब स्थायी संपत्ति के नाम मा श्री सुशील भोले जी के पास मा संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर स्थित एक छोटकुन मकान के अलावा अउ कुछ भी नइ हे। चार भाई अउ दू बहिनी मा श्री भोले जी दूसरा नंबर के आय। एखर ले बड़े एक अउ भाई हे- सुरेश वर्मा अउ एखर ले छोटे दू भाई मिथलेश वर्मा अउ कमलेश वर्मा हे। अइसने श्री भोले जी के दू बहिनी मा एक श्रीमती प्रभा-कृष्ण कुमार वर्मा (प्रभा के निधन हो चुके हे) अउ दूसरी श्रीमती सरोज (चित्रा)- चंद्रशेखर वर्मा हे।श्री भोले जी के तीन संतान हे, तीनोंझन लड़की हे, इँखर मन के बर बिहाव हो चुके हे।श्री भोले जी के पत्नी श्रीमती बसंती देवी वर्मा सिरिफ प्राथमिक तक पढ़े-लिखे हे,एखर सेती लेखन या पठन-पाठन के क्षेत्र मा श्री भोले जी ला कोई सहयोग नइ मिल पाइस अउ श्री भोले जी के कई महत्वपूर्ण प्रकाशन के कतरन अउ किताब आदि पत्नी के अज्ञानता के भेंट घलो चढ़ गे। खासकर वो समय जब भोले जी आध्यात्मिक साधना काल लीन रिहिस हे।

श्री भोले जी के जीवकोपार्जन-

आई.टी.आई. ले डिप्लोमा प्राप्त करे के बाद कुछ प्रेस मा कम्पोजिटर के काम करिन।  दैनिक अग्रदूत (तब वो साप्ता‍हिक रिहिस) उहाँ श्री भोले जी के साहित्यिक प्रतिभा ला देखके कम्पोजिटर ले संपादकीय विभाग मा लाय गिस। दैनिक अग्रदूत मा ही सन् 1983-84 मा श्री भोले जी के पहली कविता अउ कहानी संग्रह के प्रकाशन होइस। प्रदेश के यशस्वी व्यंग्यकार प्रो. विनोद शंकर शुक्ल जउन अग्रदूत के साहित्यिक परिशिष्ट के संपादक रिहिस, उही श्री भोले जी के रचना मन मा आवश्यक संशोधन (संपादन) करिस अउ
प्रकाशित करिस। एखर बाद फिर श्री भोले जी के लेखनी सरपट दौड़न लगिस, अउ अब तक (आध्यात्मिक साधना काल ला छोड़के) सरपट दौड़त हवै।
दैनिक अग्रदूत के बाद कुछ दिन दैनिक तरूण छत्तीसगढ़, दैनिक अमृत संदेश अउ दैनिक छत्तीसगढ़ मा सह संपादक के पद मा घलो कार्यरत रिहिस हे। बीच मा सन् 1988 ले 2005 तक स्वयं के व्यवसाय- प्रिटिंग प्रेस संचालन, मासिक पत्रिका ‘मयारू माटी’ के प्रकाशन-संपादन अउ ऑडियो कैसेट रिकार्डिंग स्टूडियो के  संचालन घलो करिस।

श्री सुशील भोले जी के वर्तमान पता-
54/191, डा. बघेल गली, संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नम्बर: 98269-92811.

आलेख:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
मोबाइल : 9893293764

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