Tuesday, 19 May 2015

जब से तुम बने हो आप...



















खांस-खांस कर भैया जब से तुम बने हो आप
उम्मीदें जाग गईं थीं धुलेंगे भ्रष्टाचार के पाप
लेकिन तुम तो केवल, एक ही टेर लगाते हो
लिए जिद्द की लाठी अपनों को ढेर लगाते हो
बन गये हो तुम  बिल्कुल जैसे पंचायत खाप
बिना सुने न्याय की बातें फैसला अंगूठा छाप


सुशील भोले
मो. 80853-05931, 98269-92811

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