Thursday 23 June 2022

मयारु माटी.. ऐतिहासिक पल..

ऐतिहासिक बेरा के सुरता...
    छत्तीसगढ़ी साहित्य के इतिहास म 9 दिसंबर 1987 के दिन ल सदा दिन सुरता राखे जाही, जे दिन छत्तीसगढ़ी के पहला मासिक पत्रिका 'मयारु  माटी' के विमोचन रायपुर के आजाद चौक तीर तात्यापारा के कुर्मी बोर्डिंग के सभा भवन म जम्मो छत्तीसगढ़ी के मयारुक मन के उपस्थिति म संपन्न होए रिहिसे.

    ए विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 'चंदैनी गोंदा' के सर्जक दाऊ रामचंद्र देशमुख जी रहिन हें. अध्यक्षता दैनिक नवभारत के संपादक कुमार साहू जी करे रिहिन हें. संग म 'सोनहा बिहान' के सर्जक दाऊ महासिंह चंद्राकर जी विशेष अतिथि के रूप म पधारे रिहिन. ए बेरा म छत्तीसगढ़ी भाखा साहित्य के जम्मो मयारुक मन उहाँ बनेच जुरियाए रिहिन.

चित्र 1- 'मयारु माटी' के विमोचन के बेरा. डेरी डहर ले- सुशील वर्मा (भोले), पंचराम सोनी, टिकेन्द्रनाथ टिकरिहा, विमोचन करत दाऊ रामचंद्र देशमुख जी अउ नवभारत के संपादक रहे कुमार साहू जी.

चित्र 2- डेरी डहर ले- कुमार साहू जी के स्वागत होवत, स्वागत करत मयारु माटी के संपादक सुशील वर्मा 'भोले', अउ बीच म कुर्सी म बइठे दिखत हें- सोनहा बिहान के सर्जक दाऊ महासिंह चंद्राकर जी.

चित्र 3- विमोचन के बेरा म उपस्थित छत्तीसगढ़ी के मयारुक मन म. डेरी डहर ले-  जागेश्वर प्रसाद जी, डॉ. देवेश दत्त मिश्र जी, डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र जी, डॉ. शालिक राम अग्रवाल 'शलभ' जी, डॉ. व्यास नारायण दुबे जी, जगदीश बन गोस्वामी जी
उंकर पाछू म डॉ. भारत भूषण बघेल जी, डॉ. राजेन्द्र सोनी जी रामचंद्र वर्मा जी संग डॉ. सुखदेव राम साहू 'सरस' अउ जम्मो छत्तीसगढ़ी के मयारुक मन.

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