Tuesday 28 June 2022

ठाकुर भला बिराजे हो...


    सुरता//
ठाकुर भला बिराजे हो...
   पहिली जब आवागमन के साधन बहुत कम रिहिसे, तभो श्रद्धालु मन तीरथ-बरत करत रिहिन हें. तब लोगन जादा करके रेंगत ही जावंय अउ अपन ईष्ट मन के पूजन- दर्शन कर के वापस रेंगत ही लहुट आवंय. तब ए तीरथ-बरत कर के लहुटे श्रद्धालु मन ल 'नवा जनम' धर के लहुटे हें, कहिके घर-परिवार के संगे-संग जम्मो गाँव भर के लोगन बाजा-रूंजी संग नाचत-गावत परघावंय.

    अइसने जब हमर गाँव ले जे मन भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन करे खातिर रेंगत  उड़ीसा राज के तीरथ जगन्नाथपुरी जावंय अउ जब उन लहुट के वापस गाँव आवंय, त उन  गाँव के तरिया तीर के कोनो मंदिर म या फेर बस्ती के अमाती म कोनो पीपर पेड़ के छाॅंव तरी रुक जावंय, अउ घर-परिवार वाले मनला अपन तीरथ-बरत के लहुट आए के आरो जनावंय.

    तब घर परिवार वाले मन जम्मो गाँव वाले मन संग मिल के उनला माॅंदर, ढोलक, झाॅंझ- मंजीरा संग गावत-बजावत 'परघाए' बर जावंय.  अतेक दुरिहा ले रेंगत जाके तीरथ कर के लहुट आए लोगन ल 'नवा जनम' धरके आए हे, अइसे समझे जावय. एकरे सेती उंकर स्वागत म पूरा गाँव सकला जावय. ए बेरा म जेन भजन गाये जाय, वोला जगन्नतिहा गीत कहे जाय...

ठाकुर भला बिराजे हो...
उड़ीसा जगन्नाथ पुरी में भला बिराजे-2

ओड़िया मांगैं खिचरी
बंगाली मांगैं भात
साधु मांगै दर्शन महापरसाद
    ठाकुर भला बिराजे हो ....

काहे छोड़े मथुरा नगरी?
काहे छोड़े कांशी ?
झारखंड म आए बिराजे
वृंदावन के वासी
    ठाकुर भला बिराजे हो ....

नील चक्र में धजा बिराजे
मस्तक सोहे हीरा
ठाकुर आगे दासी नाचे
गावैं दास कबीरा
      ठाकुर भला बिराजे हो...

***"
एक अउ गीत गाए जावय...

भजन बोलो भगवान के
तोर नइया ल लगाही वो ह पार हो...
ए भजन बोले... हो मुरली वाला के...

    तीरथ-बरत कर के आए लोगन ल तब फूल, नरियर, कपड़ा लत्ता आदि भेंट कर के स्वागत करे जावय. उहू मन अपन संग म लाने महापरसाद देवंय. कतकों झन पातर बेंत के बने कोकानी लाठी अउ माला- मुंदरी घलो लाए राहंय, उहू ल देवंय.

-सुशील भोले-9826992811
-सुशील भोले-9826992811

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