Monday 18 April 2022

बुढ़ादेव के माध्यम मूल संस्कृति यात्रा

बुढ़ादेव के माध्यम ले मूल संस्कृति डहर लहुटे के यात्रा
    बीते सोमवार 18 अप्रैल 2022 ल छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक आन्दोलन के इतिहास म हमेशा सुरता रखे जाही जब पूरा छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव ले लाखों के संख्या म सकलाय सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के सदस्य अपन मूल पुरखा देव बुढ़ादेव के यात्रा म संघरे खातिर जुरियाइन अउ एकरे संग छत्तीसगढ़ के जम्मो मूल संस्कृति, पूजा उपासना के विधि अउ जीवन पद्धति ल फिर से आत्मसात करे के संग एला दुनिया भर म बगराए के परन ठानिन.
    ए बात ल तो अब सबो जान-समझ डारे हें, के इहाँ राष्ट्रीयता अउ हिन्दुत्व के नांव म बाहरी संस्कृति अउ महापुरुष मनला खपले के कारज ह भारी चलत रहे हे. एकर दुष्परिणाम ह अब जगजग ले चारोंमुड़ा दिखे बर धर लिए हे. एकरे सेती आज हमर नवा पीढ़ी के लइका मन दूसर प्रदेश के संस्कृति, गौरव अउ महापुरुष मन के बारे म जतका जानथें-समझथें वतका अपन खुद के घर छत्तीसगढ़ के बारे म नइ जानंय. काबर ते इहाँ षडयंत्र पूर्वक स्कूली पढ़ाई ल घलो अइसने करवाए गे हे.
     आज मोला वो जुन्ना दिन के सुरता आवत हे, जब संत कवि पवन दीवान जी ह वरिष्ठ साहित्यकार  डॉ. परदेशी राम जी वर्मा के संग  मिल के 'माता कौशल्या गौरव अभियान' के मैदानी अभियान चालू करे रिहिन हें, तब एक बात ल उन हर मंच म कहंय- "बंगाल के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, उत्तर प्रदेश बिहार के मन अपन देवी-देवता ल धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, गुजरात अउ  पंजाब के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, ओडिशा अउ आंध्र के मन अपन देवता धर के आइन हम उंकरो पांव परेन. बस चारों मुड़ा के देवी-देवता मन के पांव परइ चलत हे। त मैं पूछथंव- अरे ददा हो, बस हम दूसरेच मन के देवी-देवता मन के पांव परत रहिबोन, त अपन देवी-देवता मन के पांव कब परबोन? एदे देख लेवौ उंकर मनके देवता के पांव परई म हमर माथा खियागे हे, अउ ए परदेशिया मन एकरे नांव म इहाँ के जम्मो शासन-प्रशासन म छागे हें."
     ए बात ह सोला आना सिरतोन आय अउ वोकर ले जादा अब एकर खातिर मैदानी रूप म भीड़े के हे. का हमूं मन अपन इहाँ के मूल देवी-देवता मन के पूजा के प्रचार-प्रसार ल दुनिया भर नइ बगराइन, तेमा दुनिया के लोगन, हमर इहाँ के पारंपरिक देवी-देवता, हमर पूजा विधि, हमर जीवन पद्धति ल जानंय अउ अपनावंय?
     हमन "आदि धर्म जागृति संस्थान" के नांव ले ये उदिम चलाए के जोखा मढ़ाए हावन, अउ अपन सख भर जनजागरण के बुता करत रहिथन, तेनो ह असल म अपन मूल देवी-देवता मन के पांव परे के उदिम आय। त आवव, आप सब जम्मो झन मिल के हमर अपन इहाँ के  पारंपरिक देवी-देवता के, हमर अपन जुन्ना पूजा अउ उपासना विधि ले पांव परन, उंकर अलख जगावन, हमर अपन भाखा- संस्कृति के, हमर इतिहास अउ गौरव के, हमर सम्पूर्ण अस्मिता के सोर ल पूरा दुनिया म बगरावन। तभे 'बुढ़ादेव यात्रा' जइसन आयोजन ह सही मायने म सफल हो पाही.
जय छत्तीसगढ़... जोहार छत्तीसगढ़..
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811

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