Thursday 2 April 2015

तभो कहाथे दाऊ......














पर भरोसा तीन परोसा, जांगर देखबे त फाऊ
सिरतोन निच्चट कोढिय़ा हावय तभो कहाथे दाऊ
नौकर-चाकर खटत रहिथें घर-खेत म वोकर
तबले लांघन-भूखन रहिथें, एला देखबे त खाऊ
*सुशील भोले*

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