Wednesday 8 April 2015

अप्पत होगे टूरा निच्चट....















अप्पत होगे टूरा निच्चट नइ मानय एक्कोच बात
खोरकिंजरा कस किंजरत रइथे दिन चिन्हय न रात
महूं गुनथौं कहूं बेटी होतीस करतीस संवागा घर के
हाथ बंटातीस दाई के अउ खवातीस चुरो के भात
सुशील भोले

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