Friday 10 April 2015

मइके छूटगे मया बिसरगे...











मइके छूटगे मया बिसरगे, महतारी के अंगना
नान-नान बहिनी-भाई के संग म खेलना-कूदना
कइसे मोह बनाये विधाता तैं चुटकी भर सेंदूर के
कुल-गोत्र सबो तो छुटगे, ददा के किस्सा कहना
* सुशील भोले *

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