Monday 14 March 2022

वो पबरित भुइयाॅं जिहां किशोरावस्था ले....

सुरता//
वो पबरित भुइयाॅं जिहां किशोरावस्था ले युवावस्था म पॉंव रखेंव...
    छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर आज अतका चौंक-चाकर म बगरगे हावय, ते हमन ल घलो कतकों नवा-नवा पारा अउ कालोनी मन के जानकारी नइए. एक बेरा रिहिसे, जब हमन सइकिल सीखे अउ चलाए के सउंख म पूरा रायपुर ल कैंची फांस म आधा पैडिल मारत किंजर देवत रेहेन.
    कक्षा 8 वीं पढ़े ले मैं रायपुर आए हंव. तब हमन अभी के पुरानी बस्ती थाना के आगू म हमरे गाँव वाले के एक घर हे तिहां राहन. वोकर बाद महामाया मंदिर के थोरके पहिली नवदुर्गा चौक म. तब तक हमन किराया के घर म राहत रेहेन. बाद म हमर सियान ह संजय नगर म अपन खुद के घर बनाइन, तब ले अभी इहें राहत हावन.
    मैं वो जुन्ना बेरा अउ पारा के आज एकर सेती सुरता करत हौं, काबर ते वो पूरा इलाका ह छत्तीसगढ़ी भाखा-साहित्य खातिर गजबेच उपजाऊ अउ पबरित भुइयाॅं रहे हे.
    हमर नवदुर्गा चौक के डेरी हाथ म महामाया मंदिर हे, ठीक एकरे ले लगे हे सुप्रसिद्ध लोककवि रहे बद्रीविशाल यदु 'परमानंद' जी के घर, अउ उहुच तीर रिहिसे हेमनाथ यदु जी के घर. एमन दूनों कका-बड़ा के भाई रिहिन. हमर नवदुर्गा चौक के जेवनी डहर छत्तीसगढ़ी भाखा के पहिली कवयित्री डॉ. निरुपमा शर्मा जी के घर रिहिस अउ ठीक वोकर तीन घर के आड़ म डॉ. सुखदेव राम साहू 'सरस' जी के घर.
   नवदुर्गा चौक के ठीक पाछू म बिरंची नारायण मंदिर हे, बूढ़ेश्वर मंदिर ले लगे हुए, उहाँ एक चाल बने हे, जेला बिरंची मंदिर चाल कहिथें, इही चाल म लक्ष्मण मस्तुरिया जी राहत रिहिन तब उन वामन राव लाखे स्कूल म पढ़ावत रिहिन. एती पुरानी बस्ती थाना के ठीक आगू ले एक गली हे, जे ह कंकाली मंदिर जाथे, ए गली म डॉ. शालिक राम अग्रवाल 'शलभ' जी राहत रिहिन. अउ वोकरे थोरके आगू म रसिक बिहारी अवधिया अउ हरिप्रसाद अवधिया जी.
    कंकाली तरिया के बाजू ले लगे आनंद समाज वाचनालय के आगू म एक गली हे, जिहां हरि ठाकुर जी राहत रिहिन. ठीक एकर ले ऊपर डहर ब्राम्हणपारा म आहू त केयूर भूषण जी के बसेरा ल भेंटहू अउ वोकर वो पार सोहागा मंदिर के पाछू म सुशील यदु के घर. वोकर ले थोरके आगू बढ़ेव त आजाद चौक के ए बाजू म हांडीपारा के गली आ जथे, जिहां टिकेन्द्रनाथ टिकरिहा जी राहंय अउ वोकर परोस म हावय छत्तीसगढ़ी सेवक जागेश्वर प्रसाद जी के बसेरा, जिहां पूरा छत्तीसगढ़ ले छत्तीसगढ़ी के मयारु मन सरलग आवत-जावत राहंय, अभी घलो आवत रहिथें.
    अब गुनव, ए नान्हे असन दिखत  भुइयाॅं म कतका ठोस अउ महत्वपूर्ण व्यक्तित्व मन कोनो बेरा म राहत रिहिन. आज भले उन एती-तेती होगे हें या सरग म आसन पागे हें, तभो ए भुइयाॅं के जब कभू सुरता आथे त श्रद्धा अउ गरब के अद्भुत भाव जागथे.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811

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