Wednesday 23 March 2022

शिक्षा माध्यम के महत्व..

शिक्षा माध्यम के महत्व..
    जेन भाखा म हम शिक्षा पाथन वो भाखा के संगे-संग वोकर ले जुड़े कला, संस्कृति, साहित्य, इतिहास अउ गौरव सबके हमन ल जानकारी होवत जाथे. वोकर ले जुड़े धर्म, पूजा उपासना के प्रतीक अउ जीवन पद्धति घलोक कोनो न कोनो माध्यम ले हमर जिनगी म समावत जाथे.
    आज अपन आसपास ल देख लेवव. हमन ल हिन्दी भाखा के माध्यम ले शिक्षा दिए गे हे, तेकर सेती जतका हिन्दी भासी क्षेत्र अउ राज्य हे, उन सबो ले जुड़े संस्कृति अउ परंपरा ल घलो हमला पढ़ाए गे हे. जबकि हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी आय, फेर हमला छत्तीसगढ़ी के माध्यम ले शिक्षा नइ दिए गे हे, तेकर परिणाम ए आय के हम छत्तीसगढ़ी ले जुड़े संस्कृति अउ परंपरा ल वतका नइ जानन जतका हिन्दी ले जुड़े संस्कृति अउ परंपरा ल जानथन-समझथन. इही शिक्षा के माध्यम के सेती आज हम अपन मूल संस्कृति अउ परंपरा ल बिसरावत जावत हन. एकर ले बचे बर एकर असल कारन, माने शिक्षा के माध्यम ल अपनाना परही. जब हमर शिक्षा के माध्यम छत्तीसगढ़ी बनही, तभे छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़ी ले जुड़े जम्मो कला, संस्कृति परंपरा, इतिहास अउ गौरव बांचे पाही, हमर आने वाला पीढ़ी जान पाही, आत्मसात कर पाही.
    मैं तो इहाँ तक कहिथौं, हमन ल धर्म अउ पूजा उपासना के बारे म घलो इही मानक ल अपनाना चाही. मैं हमेशा लिखत-बोलत रहिथौं- छत्तीसगढ़ आध्यात्मिक रूप म अतका समृद्ध हे, ते हमला कोनो भी बाहर के न कोनो गुरु के जरूरत हे, न कोनो ग्रंथ के, न कोनो उपासना के प्रतीक या विधि के. इहाँ सबकुछ हे, बस जरूरत अतके हे, के हम अपन पुरखौती परंपरा ल झांकन, वोला धो-मांज के उजरावन अउ अपन संगे-संग जम्मो पिरोहिल मनला आत्मसात करे बर जोजियावन.
    आज हमन छत्तीसगढ़ी भाखा ल शिक्षा के माध्यम बनाए खातिर सरकार जगा गोहरावत रहिथन, वोकर इही सब कारन आय. जे दिन छत्तीसगढ़ी इहाँ के शिक्षा के माध्यम बन जाही, हमर हर किसम के विकास अपने-अपन हो जाही. हमला
कोनो भी कारन ले ककरो मुंह देखे के जरूरत नइ परही.
जय छत्तीसगढ़.. जय छत्तीसगढ़ी
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811

No comments:

Post a Comment