Saturday 12 March 2022

भूमिका.. (ढेंकी संकलन के..)

भूमिका ('ढेंकी' संकलन के)
    सुशील भोले के कहिनी मन छत्तीसगढ़ी के प्रतिनिधि कहिनी माने जा सकत हें. ए कहिनी मन म छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़ी अस्मिता के परान समाये हे. छत्तीसगढ़ी म कतका अर्थ-संप्रेषणीयता हो सकत हे कहिनी मन एखर उदाहरण हें.
    धार-धार लेखनी के आज हमर छत्तीसगढ़ ल बड़ जरूरत हे. चारों कोती सोसक मन लहलहावत हें अउ जम्मो भुंइया ल परदेसिया मन बिसावत हें. छत्तीसगढ़ एक उपनिवेस बनत जात हे. ईस्ट इंडिया कंपनी कस कतकों कंपनी गाँव-गाँव आवत हें. हमर भुंइया, खेत, नदिया अउ कोयला-माटी ल कब्जावत हें. का जान को छत्तीसगढ़ ल सी.जी. कहे गे हे. मय तव कहिथौं के सी.जी. हा हिन्दी के चारा गाह के संक्षेपीकरण ए. तभे तव चारों कोती ल जानवर मन कस मनखे आवत हें, चरत हें, जावत हें.
    छत्तीसगढ़ ल चारागाह बने ल बचाय बर ए कहिनी मन आगी-पानी के काम कर सकत हें. कहिनी मन म पीरा के संगे-संग सुते मनखे ल जगाय के ताकत हे. इही ताकत ल जाने के जरूरत हे अउ ढेंकी के सहारा म हमन ये ताकत ल पहिचानबो अइसे  मय बिसवास करत हवं.
    सुशील भोले के कहिनी के शिल्प जोरदार हे, तव ओखर ले जोरदार ओखर भाखा हे. ढेंकी के जम्मो कहिनी हिंदी म अनुवाद करके परोसे के लाइक हे. ए कहिनी मन के आत्मा म जेन घुसर पाही तेन बड़ छटपटाही. अपन माटी, अपन महतारी के सेती. आओ ढेंकी के ढांक ल सुनव अउ देखव छत्तीसगढ़ के आज के दरपन म.
-डॉ. सुधीर शर्मा
(कहानी संकलन 'ढेंकी' के भूमिका)

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