Tuesday 8 December 2015

वीर नारायण तोर सपना ह...


छत्तीसगढ़ में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रथम शहीद

वीर नारायण सिंह
को
उनके शहादत दिवस
10 दिसंबर पर श्रद्धांजलि सहित.....










वीर नारायण तोर सपना ह सुफल कहां फेर होवत हे
बस्ती-बस्ती गांव-गांव ह, भूख म आजो रोवत हे...

बाना बोहे तोर सपना के, मरगें फेर कतकों बलिदानी
नांव लिखा के इतिहास म, होगे सब अमर कहानी

सुंदर-प्यारे-खूबचंद कस बेटा जनमिन ए माटी म
भुखहा-दुखहा बर तोरे सहीं रेंगिन सत् के परिपाटी म

आज के लइका आंखी मूंदे, नीत-अनीत फेर झेलत हें
झीके छोंड़ के शोषक मनला, आगू डहर अउ पेलत हें

दावन ढीलाय हे फेर जंगल म बरगे कतकों सोनाखान
का होही ये देश ल सोच के, रोवत होही खुद भगवान


आज कहूं तैं इहां होते, बंदूक-भाला-तिरशूल उठाते
माखन बनिया के गोदाम कस कतकों ल फेर बंटवाते

आथे सुरता जब-जब तोर, आंखी ले आंसू ढरथे
फेर बोहे बर तोर बाना ल, भुजा हर मोर फरकथे

का होही काल के चिंता, काकर बर हम करबो
तोरे देखाये रस्ता म, अब जिनगी भर फेर रेगबो

सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com

2 comments:

  1. दावन ढीलाय हे फेर जंगल म बरगे कतकों सोनाखान
    का होही ये देश ल सोच के, रोवत होही खुद भगवान
    .. चिंतनशील रचना। .
    वीर नारायण सिंह को उनके शहादत दिवस 10 दिसंबर पर श्रद्धा सुमन!

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  2. धन्यवाद कविता जी...

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