Saturday 5 December 2015

जउंरिहा ल का हो जाथे...


















जउंरिहा ल का हो जाथे रे, धनी ल का हो जाथे
बिहनिया आथे संझा चले जाथे, रतिहा ल कहां बिताथे...

मंदिर मस्जिद खोज डरे हौं, गुरुद्वारा म झांके हौं
चारों मुड़ा के चर्च मन म बही-भूति कस ताके हौं
निरगुन घाट म जाके घलो आंखी पथराथे रे... धनी ल....

मन बैरी मानय नहीं जिवरा धुक-धुक करथे
कोनो सउत के संसो म तन म आगी कस बरथे
करिया जाथे रे लाली रंग के सपना ह करिया जाथे...धनी...

चंदा उतरगे गांव म, जुग-जुग ले हे गली-खोर
फेर मोर मयारु संग जुड़ही कइसे मया के डोर
जमो आस सिरागे रे, बइरी बिरहा बिजराथे...धनी ल...

सुशील भोले
डॉ. बघेल गली, संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 098269-92811, 080853-05931

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