Monday 14 December 2015

निर्गुण-सगुण का तो बस.....














गागर का रूप धर जल बन जाता साकार
वही जल सागर में मिल हो जाता निराकाऱ
निर्गुण-सगुण का तो बस इतना ही है खेल
इनसे ऊपर जो उठ जाता पाता वही सरकार

सुशील भोले
मो. 098269-92811, 080853-05931 

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